कन्हैया मेरे घर क्यूँ ना आयो रे
घर क्यूँ आ आयो रे, मेरा माखन खाओ रे
द्रोपदिका तेरी बहना लगत है,
नंगे पाँव धाय, के तैने चीर बढायो रे
नरसीका तेरो फूफा लगत है
बन के भतायिया तैने वाको भात भतायो रे
सुदामा दा तेरो यार लगत है
नयन के जल सों पग धोए, मान बढायो रे
राधा मेरी सौत लगत है,
बैठ कदम की छाव में घुट घुट क्या बतलाया रे