सुख दुःख में तुम्ही साथी हो मेरे,
कुछ कैसे छुपाऊ मैं,
सुनते हो सदा भक्तो की,
ऐसी भी किरपा करते हो,
हारे न कभी मुश्किलों से दम ऐसा तुम्ही भरते हो,
मैं भी आया यही अब न जाओ कही,
अश्क खुशियों के लाऊ मैं,
रहते हो मेरे संग तुम सँवारे,
जब राह न पाउ मैं,
निश्ठा से बने धागो में शरधा के पिरो फूलो को,
लाया हु तेरे चरणों में धज देना मेरी फूलो को,
मेरे दातार तुम सच्ची सरकार तुम,
सीना चाख दिखाओ मैं,
रहते हो मेरे संग तुम सँवारे,
जब राह न पाउ मैं,
कोई माने ना माने मैं हु तेरे नाम की इक जोगिन,
श्याम लिखा हो ऐसी रेखा मेरे हाथ में कब होगी,
मन्नू भगतो के गम यहाँ होते है काम,
सारे जग को बताऊ मैं
रहते हो मेरे संग तुम सँवारे,
जब राह न पाउ मैं,