हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों में सीस झुकाते हैं,
तेरी जयकार मनाते हैं जय जय अम्बे जय जगदम्बें,
जय दुर्गा आदि भवानी की,
जय जय शक्ति महरानी की,
जय अभयदान वरदानी की,
जय अष्टभुजी कल्याणी की,
हम तेरे ही गुण गातें हैं चरणों में सीस झुकाते हैं...
तुम महा तेज हो शक्तिशाली,
तुम ही हो अदभुत बलवाली,
तू रण चण्डी तू महाकाली,
तुम दासों की हो रखवाली,
हम तेरे ही गुण गातें हैं चरणों में सीस झुकाते हैं...
तुम दुर्गा बन कर तारती हों,
चण्डी बन दुष्ट संहारती हों,
काली रण में तुम ललकारती हो,
सबकी तुम बिगड़ी संवारती हो,
हम तेरे ही गुण गातें हैं चरणों में सीस झुकाते हैं...
हर दिल में नाम तुम्हारा है,
तेरा ही जग पसारा है,
तुमने ही अपनी शक्ति से,
बलशाली दैत्य को मारा है,
हम तेरे ही गुण गातें हैं चरणों में सीस झुकाते हैं...
ब्रह्मा विष्णु महादेव बड़े,
तेरे दर पर कर जोड़ खड़े,
वर पाने को चरणों में पड़े,
शक्ति पा जा दैत्यों से लड़े,
हम तेरे ही गुण गातें हैं चरणों में सीस झुकाते हैं...
हर विधा का है ज्ञान तुझे,
अपनी शक्ति पर मान तुझे,
हर इक की है पहचान तुझे,
हर दास का माता ध्यान तुझे,
हम तेरे ही गुण गातें हैं चरणों में सीस झुकाते हैं...
ब्रह्मा जब दर पर आते हैं,
वेदों का पाठ सुनाते हैं,
विष्णु जी चंवर झुलाते है,
शिव शम्भु नाद बजाते है,
हम तेरे ही गुण गातें हैं चरणों में सीस झुकाते हैं...
तू भद्रकाली है कहलाई,
तू पार्वती बन कर आई,
दुनिया का पालन करने को,
तू आदि शक्ति है महामाई,
हम तेरे ही गुण गातें हैं चरणों में सीस झुकाते हैं...
भूखों को अन्न खिलाये तू,
भक्तों के कष्ट मिटाये तू,
तू दयावान दाती है तू,
हर मन की आस पुजाये तू,
हम तेरे ही गुण गातें हैं चरणों में सीस झुकाते हैं...
निर्धन के तुम भण्डार भरे,
तुम पतितों का उद्धार करे,
तुम अपनी भक्ति दे करके,
भव सागर से भी पार करे,
हम तेरे ही गुण गातें हैं चरणों में सीस झुकाते हैं...
है त्रिलोकी में माँ वास तेरा,
हर जीव है मैय्या दास तेरा,
गुण गाता जमीं आकाश तेरा,
हमको भी है विश्वास तेरा,
हम तेरे ही गुण गातें हैं चरणों में सीस झुकाते हैं...
दुनियां के कष्ट मिटा माता,
हर एक की आस बुझा माता,
हम और नहीं कुछ चाहते हैं,
बस अपना दास बना माता,
हम तेरे ही गुण गातें हैं चरणों में सीस झुकाते हैं...
तू दया करे तो मान भी हो,
दुनिया की कुछ पहचान भी हो,
भक्ति से पैदा ज्ञान भी हो,
तू कृपा करे कल्याण भी हो,
हम तेरे ही गुण गातें हैं चरणों में सीस झुकाते हैं....