कोई कमी न्ही है दर्र मैया के जाके देख,
देगी तुझे दर्शन मैया तू सिर को झुका के देख,
अगर आज माना है तो आजमा के देख पल मेी भरेगी झोली तू झोली फेला के देख
वो है जाग से बेमिसाल सखी, मा शेरोवली कमाल सखी,
वो है कितनी दीनदयाल सखी रे तुझे क्या बतलाओ, तुझे क्या बतलाओ,
जो सकचे दिल से द्वार मैया के जाता हूँ, वो मूह माँगा वार जगजननी से पता है,
फिर र्हे ना वो कंगाल सखी हो जाए मालामाल साख री तुझे क्या बतलाओ,
वो है कितनी दीनदयाल सखी रे तुझे क्या बतलाओ, तुझे क्या बतलाओ,
मा पल पल करती अपने भक्तो की रखवाली, दुख रोग हारे मा शेरोवली,
करे पूरे सभी सवाल सखी, बस मॅन से भरम निकल सखी री तुझे क्या बतलाओ,
वो है कितनी दीनदयाल सखी रे तुझे क्या बतलाओ, तुझे क्या बतलाओ,
मा भर्ड़े खाली गोद वो आँगन भर दे रे, ख़ुसीयो के लगा दे ढेर सुहागन कर दे रे,
मा ओह को देती लाल सखी रहने दे ना कोई मलाल सखी री तुझे क्या बतलाओ,
वो है कितनी दीनदयाल सखी रे तुझे क्या बतलाओ, तुझे क्या बतलाओ,
हर कमी करे पूरी मा अपने प्यारो की लंबी है कहानी मैया के उपकारो की,
देती है मुसीबत ताल सखी कहा जाए ना सारा हाल सखी री तुझे क्या बतलाओ,
वो है कितनी दीनदयाल सखी रे तुझे क्या बतलाओ, तुझे क्या बतलाओ,