पिलादे श्याम नाम की मस्ती ॥
पीने वाले धाम ना पूछे,
मेहंगी है या सस्ती,
पिलादे श्याम नाम की मस्ती ....
जो पीते है मेखानो में जा कर,
वो गिर ते है अंजानो में जा कर,
जो पीते है कान्हा की मस्ती का प्याला,
वो गिरते है कान्हा की झोली में जा कर,
मैं तो जाऊ गी वृदावन धाम राना जी तेरे महलो को आग लगे,
तेरे प्यार में हु पागल पागल बनाये रखना,
मेरे सांवरिया रसिया प्रीतम दिल में वासये रखियो,