तेरी खुशियों का मैया क्या क्या मैं सम्मान करूं,
दिल भी कुर्बान करूं जान भी कुर्बान करूं.....
प्रेम भी मुझ में नहीं मुझ में भक्ति भी नहीं,
तेरी महिमा जो कहूं ऐसी शक्ति भी नहीं,
कोई गुण मुझ में नहीं काहे अभिमान करूं,
तेरी खुशियों का मैया क्या क्या मैं सम्मान करूं,
दिल भी कुर्बान करूं जान भी कुर्बान करूं,
तेरी खुशियों का मैया क्या क्या मैं सम्मान करूं.....
तुझसी जो मैया मिली यह हैं सौभाग्य मेरा,
तेरी कृपा से ही मां ऐसा यह संयोग बना,
फिर काहे का तेरी क्यों ना सिरमान करूं,
तेरी खुशियों का मैया क्या क्या मैं सम्मान करूं,
दिल भी कुर्बान करूं जान भी कुर्बान करूं,
तेरी खुशियों का मैया क्या क्या मैं सम्मान करूं.....
सुख की ख्वाहिश भी नहीं मुक्ति की भी चाह नहीं,
चाहिए प्यार तेरा और की प्रवाह नहीं,
सारी दुनिया की खुशी तुझे पर बलिदान करूं,
तेरी खुशियों का मैया क्या-क्या सम्मान करूं,
दिल भी कुर्बान करूं जान भी कुर्बान करूं,
तेरी खुशियों का मैया क्या क्या मैं सम्मान करूं......