तेरे बिना श्याम हमारा नहीं कोई रे....
जमुना किनारे एक बगिया लगी है,
खिल रहे फूल तुड़ईया नहीं कोई रे,
तेरे बिना श्याम हमारा नहीं कोई रे....
जमुना किनारे एक गैया चरत है,
दे रही दूध पिवईया नहीं कोई रे,
तेरे बिना श्याम हमारा नहीं कोई रे....
जमुना किनारे एक कन्या फिरत है,
पढ़ रही वेद सुनईया नहीं कोई रे,
तेरे बिना श्याम हमारा नहीं कोई रे....
जमुना किनारे एक छोटा सा मंदिर,
जल रही ज्योत पुजारी नहीं कोई रे,
तेरे बिना श्याम हमारा नहीं कोई रे....