( तर्ज - मेरे प्यार की उमर हो )
राधा वल्लभ मेरे जीवन की तुम्ही धड़कन
मैं हूँ दासी तेरी तुम मेरे प्रियतम ....
तेरा सुंदर सिंगार तुझे देखता रहूँ
तेरे चरणों में ठाकुर मैं बैठाता रहूँ
तू हर रहा जीवन के सारे ये गम
मैं हूँ दासी तेरी तुम मेरे प्रियतम ....
तूने दिया मुझको बेशुमार सांवरे
वृंदावन में होता उपचार सांवरे
तू तो लड़ रहा सबसे मेरी ये जंग
मैं हूँ दासी तेरी तुम मेरे प्रियतम ....
तुझे देखा तो दिल ये दीवाना हो गया
तेरे प्यार में मैं पागल मस्ताना हो गया
लकी गाए गुन जितने भी लगते हैं कम
मैं हूँ दासी तेरी तुम मेरे प्रियतम ....
Lyrics - ।ucky Shuk।a