सिंह सवारी महिमा भारी पहाड़ो में स्थान तेरा,
ब्रम्हा विष्णु शंकर भी करते माँ गुणगान तेरा,
माँ कलकते से काली तेरा मंदिर नगर नगर में,
तेरा हर नवराते में मेला तेरी पूजा हो घर घर में माँ,
धोल्कघन और गुण गावे मैं भक्त करते ध्यान तेरा,
ब्रह्मा विष्णु शिव शंकर भी...........................
तुम गम सुदुम सवारे और रकत बीज है मारे,
ताने अपने भगत उबारे और गूंज रहे जयकारे,
दवारपल से बेहरू सी और सेवा है हनुमान तेरा,
ब्रह्मा विष्णु शिव शंकर भी...........................
जब बन के दरोप्ती आई तू शिव शक्ति कहलाई,
पांचो पांडव शीश झुका के किया माँ सामान तेरा
ब्रह्मा विष्णु शिव शंकर भी...........................
जो तेरा ध्यान लगवाए वो मन ईशा फल पावे,
वो राज पाल बेठ चोटी पे तेरा गुण गावे ,
वो लखा बेटे गावे माँ और गावे वेद पुराण तेरा,
ब्रह्मा विष्णु शिव शंकर भी...........................