सुनकर मुरली मचल गई होगी

सुनकर मुरली मचल गई होगी,
वाकी धुन पर फिसल गई होगी....

लाल मेरे पर दोष लगावे, मारी तेरी अकल गई होगी,
तू झूठी तेरी सखियां झूठी, झूठी कहानी जोड़ी है,
मैं कैसे लूं मान की मेरे लाल ने मटकी फोड़ी है,
मटकी सिर् से फिसल गई होगी,
वाकी धुन पर फिसल गई होगी.....

नित नित करके रोज बहाने दोष लगाने आती है,
फटी चुनरिया मोहै दिखावे खुद ही फाड़ के लाती है,
कहीं पर चुनरी उलझ गई होगी,
वाह की धुन पर फिसल गई होगी.....

मेरा कन्हैया सीधा-साधा झूठा दोष लगा रही,
माखन की मेरे कमी नहीं है माखन चोर बताएं रही,
खुद ही माखन गटक गई होगी,
वाह की धुन पर फिसल गई होगी.....
श्रेणी
download bhajan lyrics (249 downloads)