तर्ज - पारम्परिक
आओ नया साल मनाये,
बाबोसा की भक्ति में खो जाये,
हैप्पी न्यू ईयर....
बीते वर्ष की यादे कभी जाये न भुलाई,
बाईसा ने हर घर जाकर प्रतिस्ठा कराई,
बाईसा का अपने भक्तो पे भरोसा,
नये साल में होंगे हर घर बाबोसा,
आओ नया साल मनाये.....
झूमके जो आती बसन्त पंचमी ये प्यारी,
जन्मोत्सव बाबोसा का कलकत्ता में भारी,
बाईसा का साथ मिले मिले आशीर्वाद,
जाये न खाली जब बाबोसा हो साथ,
आओ नया साल मनाये.....
जब तक है सांस "दिलबर" खुशियाँ मनाये,
बाबोसा का दर छोड़के कहि भी न जाये,
नये साल में होंगे नये नये चमत्कार,
भक्तो को मिलेगा खुशियो का उपहार,
आओ नया साल मनाये.....