प्रीत जहाँ पर्दा नहीं पर्दा जहाँ नहीं प्रीत,
प्रीत और पर्दा दोनों करे बाबा ये तेरी कैसी रीत.....
पर्दा ज़रा हटा दे बाबा ओ खाटूवाले,
दर्शन तेरे करा दे बाबा ओ खाटूवाले,
पर्दा ज़रा हटा दे......
आया हूँ तेरे दर पे महिमा तुम्हारी सुनके,
मुझके गले लगा ले बाबा ओ खाटूवाले,
पर्दा ज़रा हटा दे......
खाटू का है तू राजा ऊँची है शान तेरी,
चरणों में ही बिठा ले बाबा ओ खाटूवाले,
पर्दा ज़रा हटा दे.....
अखिलेश की ये अर्ज़ी आगे तुम्हारी मर्ज़ी,
मेरी कश्ती तेरे हवाले बाबा ओ खाटूवाले,
पर्दा ज़रा हटा दे.......