मुझे शरण तुम्हारी सांवरिया,
मेरा और कोई संसार नहीं,
मुझे एक भरोसा है तुम पर,
मेरा और कोई दातार नहीं,
मुझे शरण तुम्हारी......
मैं दास तुम्हारा हूँ बाबा,
कहीं और क्यूँ मैं फ़रियाद करूँ,
तुम हर एक सांस में हो मेरी,
क्यूँ और किसी को याद करूँ,
ये तन मन आपको अर्पण है,
किसी और का कुछ अधिकार नहीं,
मुझे शरण तुम्हारी......
कोई क्या कहता मुझको बाबा,
इसका मुझको अफ़सोस नहीं,
मुझको विश्वास यही हर पल,
तुम बैठोगे खामोश नहीं,
तुम सारे जहाँ से कह देना,
मेरा सेवक है लाचार नहीं,
मुझे शरण तुम्हारी.......
बस ये एहसास रहे मुझको,
मैं बालक हूँ तुम नाथ मेरे,
मैं हर विपदा से लड़ लूंगा,
तुम रखना सर पर हाथ मेरे,
पंकज को सब मंज़ूर प्रभु,
कम करना अपना प्यार नहीं,
मुझे शरण तुम्हारी......