श्याम तेरी लगन में मैं खोया,
तू करता फिकर तेरी याद में मैं जब भी रोया,
श्याम तेरी लगन में.........
जीते है श्याम तेरे सहारे दिन गुजरते तू जैसे गुजारे,
हर मुश्किल से तूने उबारा श्याम जब भी है तुमको पुकारा,
श्याम तेरी लगन में.........
तेरे रूप के देख नज़ारे आज झुकने लगे चाँद तारे,
तेरे रंग में रंगने लगा रे तुझपे कुर्बान मैं जाऊ प्यारे,
श्याम तेरी लगन में.........
मेरी सांसो में तेरा वसेरा तेरी चोकथ पे है सेर मेरा,
प्राण तन से मेरे जब भी निकले मेरे होंठो पे हो नाम तेरा,
श्याम तेरी लगन में.........
सारी दुनिया ने समजा पराया तूने अपने गल्ले से लगाया,
बात करने तू नरसी की आया फिर से मेहता को अपना बनाया,
श्याम तेरी लगन में.........