बहना मेरी कलयुग आ गयो घोर,
धर्म धरती में समाए गयो रे.....
जो कहीं आ जाए बहुओं का भैया,
जल्दी से वह धरै कढईया,
बहना मेरी भांजे ठाडे द्वार भात को कोई ना दिवईया रे,
बहना मेरी कलयुग आ गयो घोर.....
आजकल के कुमार हजारी,
मात पिता को दे रहे गारी,
बहना मेरी जैसे आ जाए सास के मैंने कह कह बोले रे,
बहना मेरी कलयुग आ गयो घोर.....
जो ससुरे की बहना आवे,
भैया खोटे वचन सुनावे,
बहना मेरी जैसे साली आ जाएं वो राखी हाल बता मेरे,
बहना मेरी कलयुग आ गयो घोर.....
मात-पिता घर भूखे सोवे,
बहु बेटा होटल में खावे,
कन्हैया या कलयुग का अंत न जाने कब तक आवेगो,
बहना मेरी कलयुग आ गयो घोर.....