टूटी छान टपक रहया पानी आजा मेरे श्याम गरीबी में,
जो सुख मिल ज्या ऐ भजन करण में वो सुख नही अमीरी में…….
ताते पानी की भरी ऐ बाल्टी नहाओ मेरे श्याम गरीबी में,
जो सुख मिल ज्या ऐ भजन करण में वो सुख नही अमीरी में,
टूटी छान टपक रहया पानी आजा मेरे श्याम गरीबी में……..
पीत पीताम्बर दुसरे की धोती पहरों मेरे श्याम गरीबी में,
जो सुख मिल ज्या ऐ भजन करण में वो सुख नही अमीरी में,
टूटी छान टपक रहया पानी आजा मेरे श्याम गरीबी में……..
घिस घिस चंदन भरी ऐ कटोरी लालो तिलक गरीबी में,
जो सुख मिल ज्या ऐ भजन करण में वो सुख नही अमीरी में,
टूटी छान टपक रहया पानी आजा मेरे श्याम गरीबी में…….
सीता राबड़ी का भरया ऐ कटोरा पियो मेरे श्याम गरीबी में,
जो सुख मिल ज्या ऐ भजन करण में वो सुख नही अमीरी में,
टूटी छान टपक रहया पानी आजा मेरे श्याम गरीबी में…….
देसी घी की ज्योत जगाई दर्शन देओ गरीबी में,
जो सुख मिल ज्या ऐ भजन करण में वो सुख नही अमीरी में,
टूटी छान टपक रहया पानी आजा मेरे श्याम गरीबी में…….
दब भक्तों की अर्ज सुनी है मेरी भी सुनो गरीबी में,
जो सुख मिल ज्या ऐ भजन करण में वो सुख नही अमीरी में,
टूटी छान टपक रहया पानी आजा मेरे श्याम गरीबी में…….
सब मतलब के साथी हो से बस तेरा साथ गरीबी में,
जो सुख मिल ज्या ऐ भजन करण में वो सुख नही अमीरी में,
टूटी छान टपक रहया पानी आजा मेरे श्याम गरीबी में…….