उनके दर पे पहुँचने तो पाएं,
फिर ना पूछो के हम क्या करेंगे,
सर झुकाना अगर जुलम होगा,
हम निगाहों से सजदा करेंगे॥
बात तेरी भी रखनी है साकी,
इशक को भी ना रुसवा करेंगे,
इस लगी को ना रुसवा करेंगे,
जाम दे यां ना दे आज हमको ,
मयकदा में सवेरा करेंगे,
फिर ना पूछो के हम क्या करेंगे,
उनके दर पे पहुँचने तो पाएं,
फिर ना पूछो के हम क्या करेंगे.........
उधर उनकी भी महफिल जमेंगी,
इधर अपनी भी शम्मा जलेगी,
हम अंधेरों को घर में बुलाकर,
उनके घर में उजाला करेंगे,
फिर ना पूछो के हम क्या करेंगे,
उनके दर पे पहुँचने तो पाएं,
फिर ना पूछो के हम क्या करेंगे.........
क्या कहें क्या हमारे है दिल में,
हसरतें दीद ने मार डाला,
हम झरोखें से ही झांक लेंगे,
गर हम से वो पर्दा करेंगे,
फिर ना पूछो के हम क्या करेंगे,
उनके दर पे पहुँचने तो पाएं,
फिर ना पूछो के हम क्या करेंगे,
सर झुकाना अगर जुलम होगा,
हम निगाहों से सजदा करेंगे.........