दीनानाथ माहरी बात तूने ही सवारी रे,
माहरो गिरघारी तू तो माहरो है मुरारी रे,
टूटीइया फुटिया भाग लेके थारे कीने आया था,
याद माने श्याम थाने कालजे लगाया था,
बात श्याम ठाणे म्हारे मन की विचारी जी,
माहरो गिरघारी तू तो माहरो है मुरारी रे,
थारो ये कर्ज मने लगे बड़ा प्यारो जी,
डूबते श्याम बाबा ये तो उबारो जी,
हारे को मार ती है जाने दुनिया सारी रे,
माहरो गिरघारी तू तो माहरो है मुरारी रे,
माया के भंगार थे तो दानी भी महान हो,
सोनू लाखा बोले बाबा कीर्तन की जान हो,
श्याम बहादुर आलू सिंह जी थाने ही पुकारे से,
माहरो गिरघारी तू तो माहरो है मुरारी रे,