कीर्तन की है सब बाबा तैयारी
लेते हैं जो तब आओ मुरारी
जलेगी ये ज्योति बाबा इंतज़ार तेरा
विश्वास का है धागा ये है भाव मेरा
आँखें को दरस को श्याम तरसे हमारी
कीर्तन की है सब बाबा तैयारी
फूलों को तोडा हमने कांटो से चुनकर
गले से है लिप्टका तेरे माला वो तो बनकर
खुशबू सदा यहाँ महके रज़ा जो तुम्हारी
कीर्तन की है सब बाबा तैयारी
उम्मीदें लगाए बैठी पलकें बिछी हैं
बुलाये दीवाने बाबा तेरी कमी है
कमज़ोर बालक तेरे जान बलिहारी
कीर्तन की है सब बाबा तैयारी
मोरछड़ी बिन तू है मेरा श्याम आधा
जैसे कन्हैया मेरे राधा बिन आधा
मत बहलाओ साजन आएंगे बिहारी
कीर्तन की है सब बाबा तैयारी