आजा रे दीवाने तू सँवारे के मेले में,
क्यों भटक रहा है तू जग के इस जमले में,
आजा रे दीवाने तू सँवारे के मेले में,
तू सहारा दुंगता है मतलबी ज़माने में,
आजा खाटू नगरी तू प्रेमियों के रेले में,
आजा रे दीवाने तू सँवारे के मेले में,
हारे का सहारा श्याम तेरा भी सहारा है,
मांगले यहाँ आके रोना यु अकेले में,
लेहरी चल सँवारे से प्रीत लगले तू,
सच्ची करा मात है श्याम अंबेले में,