राम नाम से तूने बन्दे क्यूँ अपना मुख मोड़ा,
दौड़ा जाए रे समय का घोड़ा......
इक दिन बीता खेलकूद में, इक दिन मौज में सोया,
देख बुढ़ापा आया तो, क्यों पकड़ के लाठी रोया,
अब भी राम सुमिर ले नहीं तो, पड़ेगा काल हथौड़ा,
दौड़ा जाए रे समय का घोड़ा,
राम नाम से तूने बन्दे क्यूँ...........
अमृतमय है नाम हरी का तू अमृतमय बन जा,
मन में ज्योत जला ले तू बस हरी के रंग में रंग जा,
डोर जीवन की सौंप हरी को, नहीं पड़ेगा फोड़ा,
दौड़ा जाए रे, समय का घोड़ा,
राम नाम से तूने बन्दे क्यूँ...........
क्या लाया क्या ले जायेगा क्या पाया क्या खोया,
वैसा ही फल मिले यहाँ जैसा तूने है बोया,
काल शीश पर बैठा इसने, किसी को ना है छोड़ा,
दौड़ा जाए रे, समय का घोड़ा,
राम नाम से तूने बन्दे क्यूँ...........
मन के कहे जो चलते हैं वो दुःख ही दुःख हैं पाते,
माया के वश में जो है वो घोर नरक में जाते,
जो भी अजर-अमर बनते थे, उनका भी भ्रम तोड़ा
दौड़ा जाए रे, समय का घोड़ा,
राम नाम से तूने बन्दे क्यूँ...........