सत्संग तो वगैर मेरा मन न लगे
सत्संग तो वगैर, मेरा मन न लगे ।
हरि, नाम तो वगैर, मेरा दिल न लगे ।
हो, मन न लगे, मेरा, दिल न लगे ॥
सत्संग तो... जय हो ॥।वगैर...
बागों, के फ़ूल, बागों में खिले, बागों में खिले ॥
मेरे, मन वाला... जय हो ॥।फ़ूल, सतसंग में खिले ।
सत्संग तो वगैर, मेरा मन न लगे...
मंदिर, की ज्योत, मंदिर में जले, मंदिर में जले ॥
मेरे, मन वाली... जय हो ॥।सतसंग में जले ।
सत्संग तो वगैर, मेरा मन न लगे...
कागज़, की पतंग, डोरी से उड़े, डोरी से उड़े ॥
मेरे, मन की... जय हो ॥।पतंग, सतसंग से उड़े ।
सत्संग तो वगैर, मेरा मन न लगे...
कपड़े, की मैल, साबुन से धुले, साबुन से धुले ॥
मेरे, मन वाली... जय हो ॥।मैल, सतसंग में धुले ।
सत्संग तो वगैर, मेरा मन न लगे...
लक्क्ड़ी, की नाव, पानी में चले, पानी में चले ॥
मेरे, मन वाली... जय हो ॥।नाव, सतसंग में चले ।
सत्संग तो वगैर, मेरा मन न लगे...
जंगल, का मोर, जंगल में नाचे, जंगल में नाचे ॥
मेरे, मन वाला... जय हो ॥।मोर, सतसंग में नाचे ।
सत्संग तो वगैर, मेरा मन न लगे...
दुनियाँ, वाली रेल, पटड़ी पे चले, पटड़ी पे चले ॥
मेरे, मन वाली... जय हो ॥।रेल, सत्संग में चले ।
सत्संग तो वगैर, मेरा मन न लगे...
दुनियाँ, के हीरे, बाजारों में मिले, बाजारों में मिले ॥
मेरे, मन वाला... जय हो ॥।हीरा, सतसंग में मिले ।
सत्संग तो वगैर, मेरा मन न लगे...
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल