अजब निराली शक्ति है , माँ बंगलामुखी के नाम में ॥
इच्छा पूर्ण हो जाए , माँ बंगलामुखी के धाम में ॥
जो चाहे वो मिल जाए , माँ कभी न देर लगाए ॥
जो भी आये द्वार मईया , के सबकी आस पुजाये ॥
हर पल आप सहाई होती , भक्तों के शुभ काम में _ _ _ ॥
गुरुवार को मईया के , दरबार पे मेले लगते है ॥
शंख , नाद , घडीयाल , नगाड़े , माँ के दर पे बजते हैं ॥
झूम रहे है भक्त मंदिर में , रात और दिन सुबह शाम में _ _ _ ॥
वंनखंडी पर्वत से चल , कर आई आधभवानी ॥
बंगलामुखी धाम में बैठी , जगजन्नी महारानी ॥
दुष्टों का अविनाश हैं , उनके बुरे परिणाम में _ _ _ ॥
पीले वस्त्र पहन पुजारी , माँ का ध्यान लगाते हैं ॥
योगी राज सत्यनाथ जी , हवन यज्ञ करवाते हैं ॥
पीले वस्त्र शोभा देते , माँ की सुन्दर शान में _ _ _ ॥
Singer :- kumar _ sanjeev
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