राधे मन में है तू ही तू,
मेरे तन में भी तू,
राधे मन में है तू ही तू ,
मेरे तन में भी तू.....
अर्जी करू मैं सीस झुका के,
बस एक ही सपना मेरा सजा दे,
अपने चरणों में ही हमको बसा ले,
राधे सपनो में ही तू ही तू,
मेरे अपनो में तू.....
जैसे सागर बिना किनारा नहीं,
राधा रानी मेरा श्यामा नहीं,
तेरी भक्ति में सारा जमाना हुआ,
कैसे करते हो कोई भी जाना नहीं,
तू जहां हैं मेरा ठिकाना वही,
राधे धड़कन में तू ही तू,
मेरे तड़पन में तू ही तू,
राधे मन में है तू ही तू,
मेरे तन में भी तू ही तू........
जब सामो सुबह तेरा नाम लिया,
सारे दुख दर्द को मैंने पार किया,
कोई यकीन करे ना करें,
एक तू ही तो मेरा यार हुआ,
बस तुमको ही अपना मान लिया,
राधे जनम में तू ही तू,
मेरे कर्म में तू ही तू,
राधे मन में है तू ही तू,
मेरे तन में भी तू ही तू.......