जयपुर की मैंने ओढ़ी देखो दरिया और दिल्ली का घाघरा,
वृंदावन मोहे ले चल बलम देखूंगी मैं सांवरो.....
सांवरिया का दर्शन करके यमुना जी में नहाऊगी,
मुरली की धुन सुन के बलम जी राधे गोविंद गाऊंगी,
बहुत ही प्यारो है नखरा यशोदा का लाडलो,
वृंदावन मोहे ले चल बलम देखूंगी मैं सांवरो.....
मां यशोदा का दर्शन करने नंद भवन में जाऊंगी,
वही मिलेंगे श्याम सलोने चरणों में शीश झुकाऊंगी,
देखूंगी मैं ब्रज की झांकी मिटेगो यह मन को दुखड़ो,
वृंदावन मोहे ले चल बलम देखूंगी मैं सांवरो.....
बरसाने की होली खेल सब सखीयन संग नाचूंगी,
बैठ कदम की डाल पर झूले गीत सलोने गाऊंगी,
छोटा-मोटा बाग बिरज को ठंडो पड़ जाए चमड़ो,
वृंदावन मोहे ले चल बलम देखूंगी मैं सांवरो.....
राधा जी के चरण कमल में विनती वहां सुनाऊंगी,
कृष्ण नाम को हृदय बसा कर जीवन सफल बनाऊंगी,
नानी मीरा द्रुपद जैसी लाज रखियो सावरों,
वृंदावन मोहे ले चल बलम देखूंगी मैं सांवरो.....