लो फागुन आया रे मस्तियाँ लाया रे,
नाचो दीवानो झूम के,
अरे ये मेला है श्याम का,
लो फागुन आया रे..........
खाटू में बाबा के भक्तों की भीड़ समाई,
श्याम ध्वजा ले नाचे हाथो में लोग लुगाई,
डंका आज बज रहा, बज रहा, चहुँ और श्याम का,
लो फागुन आया रे..........
मंदिर में सजधज के बैठा है लखदातारी,
रंग अबीर उड़ाओ और मारो भर पिचकारी,
रंग दो ना प्रेम से, प्रेम से, दरबार श्याम का,
लो फागुन आया रे..........
खूब धमाल मचेगी अजी खाटू नगरी चालो,
बाबा की चौखट पे जाकर के घूमर घालो,
बोलो ज़ोर से, ज़ोर से, जैकार श्याम का,
लो फागुन आया रे..........
एक बरस में भक्तों फागुन का मेला आया,
हर्ष कहे बाबा ने खाटू में हमें बुलाया,
पाओगे जान लो, जां लो, तुम प्यार शाम का,
लो फागुन आया रे......