लो आ गया अब तो श्याम मैं शरण तेरी,
मैं शरण तेरी मैं शरण तेरी,
जाने कहा कहा पर भटका तेरा दीवाना,
दर ये तुम्हारा बाबा मेरा आखिरी ठिकाना,
जिसपे किया भरोसा उसने ही आंख फेरी,
लो आ गया अब तो श्याम मैं शरण तेरी,
मुझे थाम ले दुखो से, आया हु हार करके,
थक सा गया हु बाबा, जग को पुकार करके,
इक आस दिल में मेरे, बाकी है श्याम तेरी
लो आ गया, अब तोह श्याम, मई शरण तेरी,
चरणों की धूल दे दे, मुझको भी हे दयालु,
भटका हु जिसकी खातिर, सच्ची ख़ुशी वो पालू,
ऐ हर्ष तू बतादे, किस बात की है देरी,
लो आ गया, अब तोह श्याम, मैं शरण तेरी,