मन हो जा दीवाना रे राम जी के चरणों में,
राम चरणों में- राम चरणों में,
मन हो जा दीवाना रे......
राम नाम अमृत का प्याला,
पी करके इसे बन मतवाला,
सारा जीवन बिताना रे राम जी के चरणों में,
मन हो जा दीवाना रे..............
राम नाम सा नाम नहीं है,
अवधपुरी जैसा धाम नहीं है,
प्राणी सुख का खजाना रे राम जी के चरणों में,
मन हो जा दीवाना रे............
प्रेम के भूखे हैं रघुनंदन,
भक्ति के बस में है भवभंजन,
तुम भी भक्ति बढ़ाना रे राम जी के चरणों में,
मन हो जा दीवाना रे.........
लेखक - सिंगर हरिवंश प्रताप