खाटू की रज को बावरे,समझो ना बालू रेत 2
जाने कितने प्रेमियो ने 2 खुद की चढ़ाई भेट
खाटू...
जो भी लगाये माथे से,कटते उसके कलेश
कन कन मे खाटू रज के, बस्ते खाटू नरेश ] 2
जपने से श्याम नाम के,दर्शन से मात्र श्याम के
बन गये है कितने सेठ
खाटू...
खाटू की रज से प्रेमियो,जुडा हुआ इतिहास
कितने ही भक्तौ ने यहाँ,अन्तिम ली है साँस ] 2
आरती जैसे भगतो ने,ना जाने कितने भक्तौ ने
चढाया खुद को है भेट
खाटू...
जब जब भी जाओ खाटू,थोडा करना ध्यान
चले गये जो श्याम शरण,करना उन्हे प्रणाम ] 2
माथे पे रज लगाने मे,महिमा को संजय गाने मे
होना नही कभी तू लेट
खाटू...