हे तु चटक चुन्दड़ी आली,
तनै तो मेरा पिया मोह लिया हे,
हे तु चटक चुन्दड़ी आली,
तनै तो मेरा पिया मोह लिया हे,
हे तु चटक चुन्दड़ी आली।
माली ने एक बाग लगाया,
बीच लगायी फुलवारी,
ओरे धोरे खिल रही क्यारी,
फुलां की छवि न्यारी,
तनै तो मेरा पिया मोह लिया,
हे तु चटक चुन्दड़ी आली,
तनै तो मेरा पिया मोह लिया,
हे तु चटक चुन्दड़ी आली।
चुग चुग कंकर महल बनाया,
बीच बनी अलमारी,
ओरे धोरे खुल रही झाँकी,
या छज्जे की झलकारी,
तनै तो मेरा पिया मोह लिया,
हे तु चटक चुन्दड़ी आली,
तनै तो मेरा पिया मोह लिया,
हे तु चटक चुन्दड़ी आली।
मल मल के तनै काया धोई,
खूब घड़ी सजाई,
श्रवण काया माटी होगी,
या अग्नि बीच जलाई,
तनै तो मेरा पिया मोह लिया,
हे तु चटक चुन्दड़ी आली,
तनै तो मेरा पिया मोह लिया,
हे तु चटक चुन्दड़ी आली।
क्यूं तू चाले अकड़ अकड़ के,
कहता कुनबा भारी,
पिंजरे तोता उड़ जागा,
हे यो ले जा हँस उड़ारी,
तनै तो मेरा पिया मोह लिया,
हे तु चटक चुन्दड़ी आली,
तनै तो मेरा पिया मोह लिया,
हे तु चटक चुन्दड़ी आली।
कहत कबीर सुनो भई साधो,
मत बन तू अभिमानी,
तू मत कर मेरा मेरी पगले,
साथ नहीं कुछ जानी,
तनै तो मेरा पिया मोह लिया,
हे तु चटक चुन्दड़ी आली,
तनै तो मेरा पिया मोह लिया,
हे तु चटक चुन्दड़ी आली।
तनै तो मेरा पिया मोह लिया हे,
हे तु चटक चुन्दड़ी आली,
तनै तो मेरा पिया मोह लिया हे,
हे तु चटक चुन्दड़ी आली....