आज बांटे रक्शा बंधन के त्यौहार भाइयाँ,
हम से राखी बंधवा ला तू हमार भाइयाँ,
आज बांटे रक्शा बंधन के त्यौहार भाइयाँ,
इतना ही पावन दिनवा कभू न भुलहियाँ,
जाहवा भी रहिया एह दिन घर चली आइहा,
तोड़ियाँ कबहुँ न सनहियाँ की तार भाइयाँ,
हम से राखी बंधवा ला तू हमार भाइयाँ,
कहे सब लोगवा एकर न बा कोण मोल हो,
सब से ही बढ़कर बांधे धागा अनमोल हो,
जुड़ल बांटे ऐसे सारा सनासर भाइयाँ,
हम से राखी बंधवा ला तू हमार भाइयाँ,
वादा इ तोसे बेहना कर ली हमआज हो,
मर के भी राखव तोहरी राखियां लाज हो,
खुश रह तू बस चाहे तोहार भाइयाँ,
हम से राखी बंधवा ला तू हमार भाइयाँ,