हिँय मंदिर सियाराम बिराजै,
राम नाम की फेरत माला,
येहि मुख गुन कस गाउँ बाला ।।
लाँघि सिन्धु सिय शोक निवारे
लंक बिन्ध्वंश राख करि डाला,
येहि मुख गुन कस गाउँ बाला ।।
धाय बैद्य अरु बूटी लाये,
लक्ष्मण प्राण बचाने वाला,
येहि मुख गुन कस गाउँ बाला ।।
अहिरावण सैन्य समेत संघारे,
रावण दम्भ मिटाने वाला,
येहि मुख गुन कस गाउँ बाला ।।
सतयुग त्रेता द्वापर कलियुग,
युग युग के प्रभु देव निराला,
येहि मुख गुन कस गाउँ बाला ।।