हर घड़ी याद तेरी आये सौतन बनके,
मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके......
इक जमाना था बुलाने से चला आता था,
मुझको कण कण में तेरा चेहरा नजर आता था,
टूट गई मैं तेरे चेहरे का दर्पण बनके,
मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके,
हर घड़ी याद तेरी आये सोतन बनके,
मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके.....
शीशे जैसा मेरा दिल था जो तूने तोड़ दिया,
मुझको लगता है किसी और से दिल जोड़ लिया,
अब तो हर रात मुझे ढसती है नागिन बनके,
मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके,
हर घड़ी याद तेरी आये सोतन बनके,
मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके......
दर्द अब दिल का बढ़ाने से भला क्या होगा,
श्याम जो रूठा साथ छूटा अब कहाँ होगा,
श्याम ब्रिज वास करूँ फिरती हूँ बावरी बनके,
मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके,
हर घड़ी याद तेरी आये सौतन बनके,
मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके......
हर घड़ी याद तेरी आये सौतन बनके,
मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके......