शिव शंकर चले रे कैलाश,
की बुंदिया पड़ने लगी,
भोले बाबा चले रे कैलाश,
की बुंदिया पड़ने लगी,
गौरा जी ने बोए दई हरी हरी मेहन्दी,
भोले बाबा ने बोए दई भांग,
की बुंदिया पड़ने लगी,
शिव शंकर चले......
गौरा जी ने सिच दई हरी हरी मेहन्दी,
भोले बाबा ने सिच दई भांग,
की बुंदिया पड़ने लगी,
शिव शंकर चले ...
गौरा जी ने काट लई हरी हरी मेहन्दी,
भोले बाबा ने काट लई भांग,
की बुंदिया पड़ने लगी,
शिव शंकर चले ....
गौरा जी ने पीस लई हरी हरी मेहन्दी,
भोले बाबा ने घोट लई भांग,
की बुंदिया पड़ने लगी,
शिव शंकर चले .....
गौरा जी की रच गई हरी हरी मेहन्दी,
भोले बाबा को चढ़ गई भांग,
की बुंदिया पड़ने लगी,
शिव शंकर चले.......
शिव शंकर चले रे कैलाश,
की बुंदिया पड़ने लगी,
भोले बाबा चले रे कैलाश,
की बुंदिया पड़ने लगी