त्रिकालदर्शी त्रिपुण्डधारी तिनेत्री जय जय जय महाकाल,
जय जय जय जय त्रिपुरारी,
त्रिलोकी त्रिसूल धारी,
कीजै सब असुरों का काल,
त्रिकालदर्शी त्रिपुण्डधारी तिनेत्री जय जय जय महाकाल....
रामण वध करने से पहले,
राम ने की थी शिव पूजा,
शत्रु विनासक मन्त्र है शिव जी,
शिव जैसा कोई नही दूजा,
रणभूमि में इसी कारण,
हर हर महादेव है गुजा,
शंखनाद कर लो शिव जी का,
सुख भोगों गे सालों साल,
त्रिकालदर्शी त्रिपुण्डधारी तिनेत्री जय जय जय महाकाल......
समुद्र मंथन का सारा विष,
पी गए थे शिव भोलेनाथ,
नीलकंठ सबसे अलग है,
मान लो उनकी सारी बात,
सत, रज और तामसी में,
एक सा रखो सदा अनुपात,
तीसरी आँख दिखा दे जिसको,
उसका आ जाता है काल,
त्रिकालदर्शी त्रिपुण्डधारी तिनेत्री जय जय जय महाकाल.....