मेरे शंकर डमरू वाले, मेरे बाबा भोले भाले,
करते हो खेल निराले, ऊंची शान तेरी,
तेरा दीवाना हु मैं भोले, कोई गैर नहीं,
मेरे शंकर डमरू वाले.......
हर साल में कावड़ लेके नीलकंठ पे आउ,
भंगिया रगड़ रगड़ के भोले प्रेम से तुम्हे खिलाऊ,
इस बार मेरे घर आना, तेरा चले आना कोई बहाना,
मेरी नईया पार लगाना, करना देर नहीं,
तेरा दीवाना हु मैं भोले, कोई गैर नहीं,
मेरे शंकर डमरू वाले.......
कब होगा दीदार तुम्हारा भोले मुझे बताओ,
कई जनम से तड़प रहा हूँ, अब ना मुझे सताओ,
मुझे अपने गले लगाओ, मेरे साथी बन जाओ,
मुझे चरणों विच बिठाओ, सुनलो बात मेरी,
तेरा दीवाना हु मैं भोले, कोई गैर नहीं,
मेरे शंकर डमरू वाले.......
दास मेहर दीवाना तेरा, बम बम भोले कहता,
तेरी नाम की धुन में भोले सदा मगन ये रहता,
क्यों दूर तू मुझसे बैठा, कोई नहीं है तेरे जैसा,
मैं बात पते की कहता, करना देर नहीं,
तेरा दीवाना हु मैं भोले, कोई गैर नहीं,
मेरे शंकर डमरू वाले.......