तर्ज – थोड़ा सा प्यार हुआ है
आसरा एक तेरा,
एक तेरा सहारा,
सुनले फरियाद मेरी,
आ मुझे दे किनारा,
आसरा एक तेरा,
एक तेरा सहारा.....
जख्मी जग ने किया है,
घाव किसको दिखाऊ,
कोई अपना नही है,
हाल किसको सुनाऊ,
एक तुझपे ही बाबा,
जोर चलता है मेरा,
आसरा एक तेरा,
एक तेरा सहारा.....
आंधिया चल रही है,
रात भी है तूफानी,
बड़ा गहरा भंवर है,
और कश्ती पुरानी,
आज मजबूर होके,
मेने तुझको पुकारा,
आसरा एक तेरा,
एक तेरा सहारा......
दर्द दिल में भरा है,
हर्ष तू बाट लेना,
भेंट ये अवगुणों की,
आज स्वीकार लेना,
मिट करके बुराई,
तूने कितनो को तारा,
आसरा एक तेरा,
एक तेरा सहारा......