गोरा के तन्ने हठ करली, तूँ क्यों घोटे ना मेरी भांग,
घोटे ना मेरी भांग गोरा घोटे ना मेरी भांग,
गोरा के तन्ने हठ करली......
भोले चाली मैं पीहर ने,तेरा यो रोज रोज का काम,
रोज रोज का काम भोले रोज रोज का काम,
भोले चाली मैं पीहर ने........
क्यों जावे तू अपने पीहर भांग ने कर बदनाम,
घोट घोट के हारी भोले,हो गई मैं परेशान,
के तन्ने सौतन लागन लागी,गोरा मेरी या भांग,
मेरे ते ना घोटी जावे,तेरा भोले रोज रोज का काम,
बिना भांग ना लागे समाधि,सुन ले मेरी तूँ बात,
तन्ने तरस ना आवे भोले,दुखन लागे मेरे हाथ,
ना रुस्या कर गोरा मेरी,प्यादे घोट के भांग-२,
तेरी आज सुनु ना भोले,तेरा यो रोज रोज का काम,
तूँ कहवे तो छोड़ दयूं गोरा भांग पीन की बान,
मैं जानू स्यु तन्ने भोले बिना भाँग ना आराम,
जाइये मतना मन्ने छोड़ गोरा,ना मांगू इब भांग-२,
भोले ना जाऊ मैं पीहर,तन्ने कोन घोट देवे भांग,
लेखक :- रोशनस्वामी"तुलसी"
9887339360-9610473172