तेरे दर पे आया मैं सुनलो ये मेरा अफसाना,
करो ना बहाना मां करो ना बहाना,
तेरे दर पे आया मैं.....
गर तेरे दर पे मेरी बात ना बनेगी,
सारी ये दुनियां मैया तुझपे हंसेगी,
तुझको मिलेगा मां, फिर ये ताना,
करो ना बहाना मां.....
किसको सुनाऊं मैं अपनी कहानी,
तू है दयालु मैया सुनी है जुबानी,
तेरे चरणों का मैं दीवाना,
करो ना बहाना मां.....
धर्मी को तारा है पापी को भी तारो,
कबसे खड़ा है दास अब तो निहारो,
तुम बिन कहां है मां ठिकाना,
करो ना बहाना मां करो ना बहाना......
डॉ सजन सोलंकी