भवानी मुझे दर पे बुलाती रहियो,
मैया जी मुझे दर पे भुलाती रहियो,
ये दुनिया इक भूल भुलइयाँ,
चलना नहीं मुझे आई मईया,
आगे आगे मेरे चल कर,
राह दिखाती रहियो,
भवानी मुझे दर पे बुलाती रहियो
तू तो है बिगड़ी बनाने वाली,
सब की भूल भुलाने वाली,
भूल कोई हो जाये मुझसे,
उसको भुलाती रहियो,
भवानी मुझे दर पे बुलाती रहियो
पाप पुण्य मेरे मत देखो केवल अपनी शरण में लेलो,
अब तक किरपा जैसे लुटाई वैसे लुटाती रहियो,
भवानी मुझे दर पे बुलाती रहियो
जानता है ये तो जग सारा राम कुमार लखा है तुम्हारा,
कभी कभी शर्मा के घर पर भी तू आती रहियो,
भवानी मुझे दर पे बुलाती रहियो