ओ मेरे नैनो में बस गए श्याम,
अब डर काहे का,
मुझे मिल गया श्याम सरकार,
अब डर काहे का,
कोई कहे हारे का सहारा कोई कहे श्याम प्यारा,
कोई कहता है करे भव पार,
अब डर काहे का....
रूप तेरा सोहना सोहना है शृंगार,
तेरी नजरे उतारू बारम बार,
अब डर काहे का....
तेरा मेरा ऐसा नाता कोई समज न पाता,
जो समजे गा श्याम तेरा प्यार,
अब डर काहे का....
सच्चा है दरबार तुम्हरा खाटू वाले श्याम हमारा,
जो आयेगा होगा माला माल,
अब डर काहे का....