हारे का तू बन के साहरा आ जाता,
मैं भुलाता हु पर फिर भी तू आता ना,
दास तेरे का बिगड़ा मुकदर बन जाता,
मैं भुलाता हु पर फिर भी तू आता न,
तेरी प्रीत के खातिर बाबा सारी दुनिया छोड़ी ,
अब तेरे बिन जी ना लागे कैसी प्रीत नगोड़ी,
तेरे सिवा अब कुछ भी मन को भाता न,
मैं भुलाता हु पर फिर भी तू आता न,
एक तेरे दर्शन को बाबा अँखियाँ झर झर बहती,
बिगड़ी मेरी आके बना जा बस तुम से कहते,
इसके सिवा दिल कुछ भी तुझसे चाहता न,
मैं भुलाता हु पर फिर भी तू आता न,
तू है मेरा मैं हु तेरा रिश्ता ये न टूटे,
छूट जाए चाहे सारा जमाना दर तेरा न छूटे ,
बिट्टू का तू पालनहारा कहलाता ,
मैं भुलाता हु पर फिर भी तू आता न,