मैया यशोदा ये तेरा कन्हैया,
पनघट पे मेरी पकड़े है बैंया,
तंग मुझे करता है, संग मेरे लड़ता हाय,
रामजी की कृपा से मैं बची......
गोकुल की गलियों में, जमुना किनारे,
वो मोहे कनकनिया छुप-छुपके मारे,
नटखट अदाएं, सूरत है भोली,
होली में मेरी, भिगोये वो चोली,
बैययाँ ना छोड़े, कलैय्याँ मरोड़े,
पैय्याँ पडूं, फिर भी पीछा ना छोड़े,
मीठी-मीठी बातों में मुझको फंसाये हाय,
रामजी की कृपा से...
जब-जब बजाए मोहन मुरलिया,
छन-छन छनकती है मेरी पायलिया,
नैनों से जब वो करे छेड़खानी,
दिल थामे रह जाए प्रेम दीवानी,
सुधबुध गंवाई, नींदें उड़ाई,
जो करने बैठी थी वो कर ना पाई,
बड़ी मुश्किल से दिल को संभाला हाय,
रामजी की कृपा से........
गोकुल का कान्हा रे दिल में समाया,
मैं भाग्यशाली इन्हें मैंने पाया,
माना की सबके हैं ये कन्हैय्या,
कहलाएँगे पर तुम्हारे ही मैय्या,
प्यारा पिया है, तुमने दिया है,
ममता के आँचल में हमको लिया है,
चरणों में तेरे ओ माँ हमको रहना है,
रामजी की कृपा से...