लूट लियो लूट लियो लूट लियो रे,
इन भक्तो ने भगवान लूट लियो रे....
माता यशोदा ने तन मन लुटाय के,
ब्रिज गोपियों ने माखन खिलाय के,
कच्ची छाछ पे मोहन नचाय लियो रे,
इन भक्तो ने भगवान लूट लियो रे....
कुब्जा ने माथे पे चन्दन लगाया,
राधा ने चितवन का जादू चलाया,
गिरधर से नेहा लगे लियो रे,
इन भक्तो ने भगवान लूट लियो रे....
द्रोपदी ने करुणा की टेर लगायी,
भक्तो ने भगवान केलिए खिचड़ी बनायीं,
मीरा ने प्रेम से रिझाय लियो रे,
इन भक्तो ने भगवान लूट लियो रे....
केवट ने हरी को नाव मै बिठाया,
शबरी ने खट्ठे मीठे बेर खिलाये,
प्रेम तराजू में तौल लियो रे,
इन भक्तो ने भगवान लूट लियो रे....