आया फागण का मस्त महीना.
ऐसी मस्ती जो देखि कभी न,
उड़े उड़े रे अबीर और रंग गुलाल रे,
खाटू नगरी में मचा धमाल रे,
श्याम नाम मस्ती करे निहाल रे,
चली टोलियां अपनी धुन में जैकारा लगा के,
हाथो में श्याम की ध्वजा लहरा के,
श्याम प्रेमियों की देखि बदली है चाल रे,
खाटू नगरी में मचा धमाल रे,
श्याम नाम मस्ती करे निहाल रे,
ऐसा रंग अपना श्याम ने चढ़ाया है,
भगतो को अपना दीवाना बनाया है,
सारे प्रेमियों पे फेंका अपना प्रेम जाल रे,
खाटू नगरी में मचा धमाल रे,
श्याम नाम मस्ती करे निहाल रे,
रंगीले श्याम का रंगीला आया है मेला,
झूम के नाच के चले भक्तो का रेला,
कुंदन सज के लगे है खाटू बेमिसाल रे,
खाटू नगरी में मचा धमाल रे,
श्याम नाम मस्ती करे निहाल रे,