हरि सुमिरन नित करो रे सावरिया

हरि सुमिरन नित करो रे सावरिया,
जरा संभल संभल कही जाए न निकल,
घड़ी हाथो से हाथो से,
हरि सुमिरन नित करो रे सावरिया.......

जब तू आया इस दुनिया मे बन के नया मेहमान रे,
भूल गया तू सब कुछ अपना भक्ति भजन हरि नाम रे
नाम भजन में दाम न लगे ,
बन जाये सब काम रे ,
हरि भजन का था तेरा वादा रे सावरिया,
काहे गया तू बदल कही जाए ना निकल,
घड़ी हाथो से हाथो से ,
हरि सुमिरन.............

इस दुनिया की रीत निराली झूठी यह कि प्रीत रे,
हर सांस आह बसी है हर आंसू में गीत रे,
गीत की रीति मीत न जाने,
जग ना करे कोई प्रीत रे,
संग कभी ना कोई  जाता रे सावरिया,
सारे जाएंगे बदल कही जाए न निकल,
घड़ी हाथो से हाथो से,
हरि सुमिरन नित करो रे सावरिया हरि सुमिरन,

ये भी सोचले बन्दे जाना तुझको आपने धाम रे,
ये जग है कुछ पल का मेला छोड़ बुरे सब काम रे,
भगती में ही तेरा भला है रट ले तू दिल रे नाम रे,
राम नाम ही तू रट ले सांवरियां ना
गवाए एक पल कही जाये ना निकल घडी हाथो से.....

#मोहित #सांवरा
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