तुने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का । कान दिए हरी भजन सुनन को । तू मुख से कर गुणगान ॥ जीभा दी हरी भजन करन को । दी आँखे कर पहचान ॥ शीश दिया गुरु चरण झुकन को । और हाथ दिए कर दान ॥ सत्य नाम का बना का बेडा । और उतरे भाव से पार ॥