माँ की दुआवों से ही चले ये ज़माना,
कभी अपनी माँ का तू दिल न दुखाना,
ये ममता का फ़र्ज़ है बेटे का फ़र्ज़ है तुझको पड़े गा चुकाना,
माँ की दुआवों से ही चले ये ज़माना,
तुझे इस दुनिया में लाइ है माँ,
तू रोया है दूध पिलाई है माँ,
ये ममता का अंचल ओढ़ाई है माँ,
ऊँगली पकड़ कर चलाई है माँ,
वो बचपन के दिन तू अपने भूल न जाना,
कभी अपनी माँ का तू दिल न दुखाना,
दोबरा न दुनिया में मिलती है माँ,
तुम्हारी ख़ुशी से ही खिलती है माँ,
तुम्हे चोट आये तो रोती है माँ,
भगवान से बढ़ के होती है माँ,
पुकारे गी माँ तो पंकज दोहड़े चले आना,
कहे अनु बेटे का तू फर्ज निभाना,
कभी अपनी माँ का तू दिल न दुखाना,