कभी भक्तों से मिलने आया करो जी

कभी फागण में आया,
कभी ग्यारस में आया,
कभी तुम भी मेरे घर आया करो,
कभी भक्तों से, कभी भक्तों से,
कभी भक्तों से मिलने आया करो,
आसमान में चंदा निकले,
तारों की बारात हो,
शीश झुका हो इस सेवक का,
सर पे तेरा हाथ हो,
बड़ा तुझको सजाऊँ,
तुझे इत्र लगाऊँ,
प्रभु मेरा मान बढ़ाया करो,
कभी भक्तों से मिलने आया करो,
एक तमन्ना है इस दिल की,
जी भर के दीदार हो,
लीले घोड़े पर सवार मेरे सामने,
लखदातार हो,
कभी चवर ढूराउं, कभी चरण धुलाऊं,
कभी वक्त निकाल के आया करो,
कभी भक्तों से मिलने आया करो,
बचपन बीता आई जवानी,
तेरा ही बस ध्यान धरा,
तूने ही बस खाटू वाले,
मेरा सारा काम करा,
चाहे नौकर बना ले,
चाहे चाकरी कराले,
मित्तल को गले लगाया करो,
कभी भक्तों से मिलने आया करो,
कभी फागण में आया,
कभी ग्यारस में आया,
कभी तुम भी मेरे घर आया करो,
कभी भक्तों से, कभी भक्तों से,
कभी भक्तों से मिलने आया करो,