तेरी रहमत से प्रेमी तेरे सांवरे,
क्या से क्या हो गए देखते देखते
कल तलक जिनकी कोई भी हस्ती न थी,
बादशाह हो गए देखते देखते
तेरी रहमत..................
जिनकी गिनती जहां के फकीरो में थी,
कोई खुशिया न जिनकी लकीरो में थी
जो न सोचा कभी था वही हो गया,
रंकराजा हुए देखते देखते
कल तलक जिनकी कोई भी हस्ती न थी,
बादशाह हो गए देखते देखते
तेरी रहमत...............
आ गया चलके जो खाटु के गांव में,
शाम रखता उन्हें नजरो की छांव में
शाम कृपा से खुशियो के दीपक जले,
सारे गम सो गए देखते देखते
कल तलक जिनकी कोई भी हस्ती न थी,
बादशाह हो गए देखते देखते
तेरी रहमत.............
खाटु नगरी में चलती है ऐसी हवा,
जिसमें गन के मरीजी की होती दवा
भक्त द्वारे पे आया है जे हार के,
शाम उनके हुए देखते देखते
कल तलक जिनकी कोई भी हस्ती नथी,
बादशाह हो गए देखते देखते
तेरी रहमत.................
तेरी रहमत से प्रेमी, तेरे सांवरे ,
क्या से क्या हो गए देखते देखते
कल तलक जिनकी कोई भी हस्ती न थी,
बादशाह हो गए देखते देखते
तेरी रहमत...................